ETF की NAV और ट्रेडिंग प्राइस में क्या अंतर है? मुनाफे कमाने और घाटे से बचने के लिए i- NAV की जानकारी क्यों जरूरी है?- Asia Chronicle News

Why it is necessary to understand the difference between NAV and trading price (ETF)

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NAV और व्यापारिक मूल्य के बीच के अंतर को समझने की आवश्यकता क्यों है, इसे परावर्तित करने के लिए, उसे इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है: ‘नेविगेशन और व्यापारिक मूल्य के बीच के अंतर को समझना म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने के लिए महत्वपूर्ण है। ETF, खासकर स्मॉल इन्वेस्टर्स के लिए, एक प्रसिद्ध निवेश विचार माने जाते हैं।

इनमें पैसे लगाना और बेचकर मुनाफा कमाना आसान होता है क्योंकि वे एक्सचेंज पर व्यापार होते हैं। आपके पास ईटीएफ में निवेश करके लाभ कमाने की इच्छा हो तो, यह महत्वपूर्ण है कि आप समझें कि ETF कैसे काम करते हैं और इनके नेविगेशन (NAV) और व्यापारिक मूल्य में अंतर को समझें, क्योंकि यह आपके निवेश पर सही निर्णय लेने में मदद करेगा।

ETF की NAV और Trading Price में क्या अंतर है?

ETF की NAV (नेट एसेट वैल्यू) और ट्रेडिंग प्राइस में एक महत्वपूर्ण अंतर होता है. यह दोनों मूट्य फंड के मूल्य को दर्शाते हैं, लेकिन उनमें विशेषत:

  1. ETF की NAV (नेट एसेट वैल्यू): ETF की NAV उसकी कुल एक्टिव और पैसिव होल्डिंग्स के मूल्य का अंकगणित रूप होता है, इसमें ETF के मैनेजमेंट के टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) को घटा दिया जाता है. यह निर्धारित अंक होता है और इसका उद्देश्य ETF की कुल नेट एसेट्स की मूल्य को दर्शाना है।
  2. ETF की ट्रेडिंग प्राइस: ट्रेडिंग प्राइस वह मूल्य होता है जिस पर ETF के इकाइयों की खरीद और बेच की जाती है। यह मूल्य बाजार की मांग और प्रस्तावना के आधार पर निर्धारित होता है और इसमें बाजार के खिलवाड़ों की प्रारूपता शामिल होती है।

इसलिए, ट्रेडिंग प्राइस बाजार की मूवमेंट के परिणामस्वरूप बदलता रहता है, जबकि NAV स्थिर रहता है, क्योंकि यह ETF की वास्तविक नेट एसेट्स की मूल्य को दर्शाता है। ETF की खरीद और बेच दरों के बीच का अंतर ट्रेडिंग प्राइस के आधार पर निर्धारित होता है, जो बाजार की मांग और प्रस्तावना पर निर्भर होता है।

नेविगेशन और व्यापारिक मूल्यों में गैप का कारण अक्सर विभिन्न कारकों से होता है। ETF या किसी म्यूचुअल फंड की Net Asset Value (NAV) व्यापारिक मूल्य की सही मूल्य का आधार होती है, लेकिन व्यापारिक मूल्य को तय करने में भी NAV का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके अलावा, व्यापारिक मूल्य पर कई अन्य कारकों का भी प्रभाव होता है, जैसे कि बाजार के रुझान, विपणि खिलाड़ियों की उम्मीदें, फंड इकाइयों की मांग और उनकी उपलब्धता।

NAV और Trading Price में गैप क्यों होता है?

ETF

यदि किसी ETF में निवेशकों की संख्या ज्यादा है और निकालने वालों की संख्या कम है, तो यह व्यापारिक मूल्य में वृद्धि को देखने को मिल सकती है, क्योंकि अधिक लोग खरीदने की कोशिश कर रहे हैं और अल्पकालिक में शेयरों की कमी हो सकती है। उल्टे, यदि निकालने वाले अधिक हैं और निवेशकों की संख्या कम है, तो व्यापारिक मूल्य में कमी आ सकती है, क्योंकि बेचने की अधिक डिमांड हो सकती है। यह समझने में मदद करता है कि व्यापारिक मूल्यों में गैप क्यों उत्पन्न होता है, जो शेयरों की कीमतों के साथ होने वाले गैप की तरह होता है।

NAV और Trading Price में कितना अंतर हो सकता है?

अगर बाजार में अधिक स्थिरता है, तो ETF की NAV और ट्रेडिंग मूल्य के बीच 1-2 प्रतिशत से अधिक अंतर नहीं होना चाहिए. लेकिन अगर बाजार में अचानक तेजी से उतार-चढ़ाव होता है, तो ETF की ट्रेडिंग मूल्य में भी अधिक अस्थिरता देखी जा सकती है। हालांकि ETF की NAV में इतना तेजी से परिवर्तन नहीं होता है। उसे समायोजन के लिए समय लगता है।

इस स्थिति में ETF की NAV और ट्रेडिंग मूल्य के बीच कई बार अधिक अंतर हो सकता है। ऐसे समय में ETF को खरीदते समय अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो संभावना है कि आप ETF को उसकी NAV की तुलना में बहुत अधिक प्रीमियम पर खरीद लें या मामूली डिस्काउंट पर बेच दें। दोनों स्थितियों में आपको हानि हो सकती है।

i-NAV की मदद से सही फैसला लें

ETF को खरीदने और बेचने में i-NAV की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह आपको निवेश के समय और निकासी के समय में मदद कर सकता है। ध्यान देने वाली बातें इस प्रकार हैं:

  1. i-NAV की जांच: सही निवेश या निकासी के लिए, आपको i-NAV की जांच करनी चाहिए। इससे आप फंड की वास्तविक वारंट जान सकते हैं।
  2. खरीदारी का समय: जब आप ETF खरीद रहे हैं, मौजूदा मार्केट प्राइस नाव के साथ तुलना करें। यदि यह नाव के बराबर है या उससे कम है, तो आपके लिए बेहतर हो सकता है।
  3. बेचने का समय: निकासी के समय, मार्केट प्राइस का प्रीमियम पर होना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यदि आप बेचना चाहते हैं, तो यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
  4. ETF की वेबसाइट पर जांच: किसी भी ETF की i-NAV की जानकारी फंड हाउस की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है, जिससे आप इसका सही समय पर जांच सकते हैं।

यह ध्यान देने वाली बातें हैं जो ETF निवेशकों को मदद कर सकती हैं ताकि वे सही समय पर निवेश और निकासी कर सकें।

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