Credit Debit Card Tips: क्या है सीवीवी और सीवीसी नंबर, जानिए क्रेडिट-डेबिट कार्ड धारकों को इसे क्यों छिपाना चाहिए?

Credit Debit Card Tips: आरबीआई अपने ग्राहकों को सलाह देता है कि वे अपना Credit Debit Card लेते ही अपना सीवीवी नंबर याद रखें। याद रखने के बाद अगर संभव हो तो सीवीवी नंबर को कार्ड से मिटा दें। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।

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अक्सर बैंक अपने ग्राहकों को मैसेज के जरिए चेतावनी देते हैं कि वे अपने Credit Debit Card की जानकारी किसी के साथ साझा न करें। खास तौर पर सलाह दी जाती है कि सीवीवी और ओटीपी नंबर साझा न करें। क्रेडिट और डेबिट कार्ड धोखाधड़ी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं।

Credit Debit Card Tips

सुरक्षा कारणों से सीवीवी नंबर बहुत महत्वपूर्ण है, एक छोटी सी गलती से भी बैंक खाते खाली हो सकते हैं। इसलिए आरबीआई अपने ग्राहकों को सलाह देता है कि वे अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड मिलते ही उसकी जांच कर लें। सीवीवी नंबर याद रखें। याद रखने के बाद अगर संभव हो तो सीवीवी नंबर को कार्ड से मिटा दें। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का पूरा खेल तीन अंकों के सीवीवी नंबर पर आधारित है। दरअसल, जब आप घर बैठे शॉपिंग और कई तरह के पेमेंट करते हैं तो इसके लिए क्रेडिट या डेबिट का इस्तेमाल करते हैं। सीवीवी और सीवीसी कोड का उपयोग ऑनलाइन लेनदेन के दौरान किया जाता है। इसके बिना लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाता है।

सीवीवी या सीवीसी कोड क्या है?

दरअसल, क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि सीवीसी कोड क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? यह एक तरह का कोड होता है, जो क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के पीछे की तरफ होता है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय अक्सर आपसे यह नंबर पूछा जाता है। सीवीवी का फुल फॉर्म (कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू) है और सीवीसी का फुल फॉर्म (कार्ड वेरिफिकेशन कोड) है।

सीवीवी एक संख्या है, जो डिजिटल लेनदेन के समय पुष्टि करती है कि भुगतान के लिए कार्डधारक जिम्मेदार है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान इसका इस्तेमाल करते ही भुगतान कन्फर्म हो जाता है। सीवीवी भी ओटीपी की तरह एक सुरक्षा परत है, जो आपके भुगतान को सुरक्षित रखती है।

हर वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को सीवीवी कोड देता है। जब आप ट्रेन टिकट बुक करते समय या पेटीएम सहित विभिन्न ऐप के माध्यम से लेनदेन के दौरान अपने कार्ड का विवरण भरते हैं, तो आपसे सीवीवी कोड मांगा जाता है। अगर आप यह कोड नहीं भरते हैं तो भुगतान अधूरा रह जाता है। यानी बिना CVV के कोई भी लेनदेन संभव नहीं है।

CVV कोड क्यों जरूरी है?

हालाँकि CVV कोड का उपयोग केवल सुरक्षा के लिए किया जाता है। यह कार्ड के पीछे की तरफ होता है और जब भी हम किसी सार्वजनिक स्थान पर कार्ड निकालते हैं तो उसका ऊपरी हिस्सा सामने होता है, जिसमें कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट अंकित होती है। ऐसे में सीवीवी कोड कार्ड के पीछे की तरफ होने के कारण लोग धोखाधड़ी का शिकार होने से बच जाते हैं।

सीवीवी का इतिहास

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर कुछ कोड होते हैं, जिन्हें कार्ड सिक्योरिटी कोड (सीएससी) कहा जाता है। इसका आविष्कार 1995 में यूके में माइकल स्टोन ने किया था। सीएससी की जांच के बाद, ‘एसोसिएशन ऑफ पेमेंट क्लियरिंग सर्विसेज’ ने इस सुरक्षा अवधारणा को अपनाया। शुरुआती दौर में सीवीवी कोड 11 अंकों के होते थे। लेकिन बाद में इसे 3 से 4 अंक तक रखा गया।

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